श्रद्धा की दर्दनाक मौत की कहानी सुनकर पूरा देश स्तब्ध है। अब एक नए खुलासे से स्पष्ट हो गया है कि श्रद्धा और उसके प्रेमी के बीच पहले सी ही सब कुछ ठीक नहीं था और दोनों में बहुत झगड़े होते थे। दरअसल, श्रद्धा मौत से कुछ दिन पहले तक अपने जिस दोस्त के संपर्क में थी – उसी ने अब इन बातों का खुलासा किया।
श्रद्धा के दोस्त लक्ष्मण नाडर ने ‘इंडिया टुडे’ को बताया कि आफताब और श्रद्धा का बहुत झगड़ा होता था। उसने कहा कि एक बार श्रद्धा ने मैसेज कर खुद को बचा लेने की बात कही थी। वो सभी दोस्त रात में उसके पास पहुँचे थे और उसे बचाया था। दरअसल, लक्ष्मण नाडर की वजह से ही श्रद्धा हत्याकांड का पर्दाफाश हो पाया। श्रद्धा अपने परिवार से पूरी तरह से कट गई थी और बातचीत करना बंद कर दिया था। मगर, वह अपने दोस्त नाडर के संपर्क में थी।
लक्ष्मण ने बताया की श्रद्धा को लेकर अगस्त 2022 से ही चिंता बढ़ने लगी थी। दो महीने से ये लोग संपर्क में नहीं थे और श्रद्धा किसी भी मैसेज का रिप्लाई नहीं कर रही थी। लक्ष्मण ने कहा कि उसके बाद उन्हने हमारे कोमन दोस्तों से संपर्क साधा, लेकिन कुछ पता नहीं चला, फिर इन लोगों ने उसके भाई को पूरी बात बताई और पुलिस की सलाह लेने की बात कही।
श्रद्धा की आफताब अमीन पूनावाला से मुंबई में जान-पहचान हुई। फिर एक दिन आफताब ने दिल्ली में श्रद्धा को गला दबाकर मार डाला। उसके शव के 35 टुकड़े किए। 18 दिन तक रात के करीब 2 बजे वह घर से निकल श्रद्धा के बॉडी पार्ट्स दिल्ली में इधर-उधर फेंकता रहा। श्रद्धा की हत्या के करीब छह महीने बाद यह खुलासा हुआ है। 12 नवंबर 2022 को आफताब की गिरफ्तार हुई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक श्रद्धा मूल रूप से महाराष्ट्र के पालघर की रहने वाली थी। आफताब से उसकी मुलाकात मुंबई में हुई थी। दोनों मलाड के एक कॉल सेंटर में साथ काम करते थे। जान-पहचान कुछ समय बाद प्यार में बदल गई। दोनों लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगे। जब श्रद्धा ने शादी का दबाव बनाया तो शुरुआत में आफताब ने टालमटोल की। आखिर में उसे जान से ही मार डाला।
बताया जा रहा है कि शादी का दबाव बढ़ने पर आफताब दिल्ली आया। फिर बहाने से श्रद्धा को बुलाया। यहाँ पर भी दोनों साथ रहने लगे। पुलिस पूछताछ में आफ़ताब ने बताया कि 18 मई 2022 को उसका शादी को लेकर श्रद्धा से काफी झगड़ा हुआ था। इसी दौरान उसने गुस्से में श्रद्धा को गला दबाकर मार डाला। बाद में सबूत छिपाने के लिए उसके शव के 35 टुकड़े किए और उसे दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में फेंक दिया।